स्टारकास्ट – नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, बिदिता बाग़
डायरेक्टर – कुशान नंदी
प्रोडूयसर – किरन श्याम श्रॉफ, अश्मित कुंदर
रेटिंग – 3 स्टार
पंकज पाण्डेय
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी स्टारर फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। कैसी है फिल्म चलिए जानते हैं।
स्टोरी
फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ कहानी है बाबू बिहारी (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) की जो कि पेशे से एक कॉन्ट्रेक्ट किलर है। बाबू स्थानीय नेता सुमित्रा देवी (दिव्या दत्ता) के लिए काम करता है लेकिन एक रोज, जब बाबू सुमित्रा देवी के खास आदमी को मारने की सुपारी ले लेता है तो सुमित्रा देवी और बाबू के बीच दुश्मनी हो जाती है। एक दिन बाबू की मुलाकात जूते चप्पल सीने वाली फुलवा (बिदिता बाग़) से होती है और बाबू को फुलवा से एक ही नजर में प्यार हो जाता है। इसी बीच फिल्म में दूसरे कॉन्ट्रेक्ट किलर बांके बिहारी की एंट्री होती है जो बाबू बिहारी को अपना गुरु मानता है। बांके बिहारी भी बाबू बिहारी की तरह नंबर वन कॉन्ट्रैक्टर बनना चाहता है। फिल्म में ट्विस्ट तब आता है, जब बांके बिहारी बाबू बिहारी को गोली मार देता है। अब बांके बिहारी की गोली खाने के बाद क्या बाबू बिहारी बचता है और क्या फुलवा और बाबू बिहारी की प्रेम कहानी सफल होती है। इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
डायरेक्शन
फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज़’ को डायरेक्ट कुशान नंदी ने किया है और उनके डायरेक्शन की बात करें तो उनका डायरेक्शन काफी लाजवाब है। फिल्म को काफी अच्छी तरह से कुशान ने प्रस्तुत किया है। फिल्म का पहला भाग हो या फिर दूसरा भाग दोनों ही अच्छे हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, स्क्रीनप्ले और एडिटिंग सभी डिपार्टमेंट बढ़िया हैं और खासतौर पर फिल्म के डायलॉग तो लाजवाब हैं। फिल्म का म्यूजिक भी ठीक है, फिल्म के गाने फिल्म की कहानी को सपोर्ट करते हैं।
परफॉरमेंस
परफॉरमेंस की बात करें तो नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने जबरदस्त काम किया है। कॉन्ट्रेक्ट किलर के किरदार में नवाज़ अपनी छाप छोड़ पाने में सफल हुए हैं। फिल्म की अभिनेत्री बिदिता बाग़ का भी अभिनय अच्छा है। दिव्या दत्ता, मुरली शर्मा और भगवान तिवारी का भी अभिनय तारीफ़ के काबिल है।
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