अभिनेता आर माधवन इन दिनों अपनी वेब सीरीज ‘ब्रीद’ के प्रमोशन में व्यस्त हैं जो कि आज डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज होने जा रही है। पिछले दिनों हमारी मुलाकात आर माधवन से हुई और हमने उनसे उनकी वेब सीरीज और उनसे जुड़े कई पहुलओं पर बातचीत की। पेश हैं उस बातचीत के अंश।
पंकज पाण्डेय
आप वेब सीरीज ‘ब्रीद’ का हिस्सा हैं, आपने इस वेब सीरीज को करने का फैसला क्यों किया ?
देखिए, मुझे लगभग पांच साल पहले ही पता चल गया था कि यह मीडियम काफी बड़ा होने वाला है। हॉलीवुड में वेब सीरीज काफी पहले से ही बन रही है और वहां के बड़े सितारें भी वेब सीरीज का हिस्सा बनकर अपनी ब्रैंड वैल्यू बढ़ा चुके हैं। मुझे यह नहीं पता था कि यह मौका मुझे इतने जल्दी इंडिया में मिलेगा। जब मुझे इस वेब सीरीज का ऑफर आया था, उस वक्त मैंने मना कर दिया था लेकिन जब मुझे पता चला कि इस वेब सीरीज को प्रोडूयस विक्रम मल्होत्रा कर रहे हैं तो मैंने सोचा कि कहानी सुन लेता हूं क्योंकि उनके साथ मैं तनु वेड्स मनु फिल्म कर चुका हूं। जब मैं विक्रम मल्होत्रा से मिला तो उन्होंने कहा कि वेब सीरीज के डायरेक्टर मयंक शर्मा कहानी सुनाएंगे। आप यक़ीन नहीं मानेंगे जैसे ही मैंने वेब सीरीज का फर्स्ट एपिसोड सुना मैं तुरंत यह सीरीज करने के लिए तैयार हो गया।
यह वेब सीरीज ऑर्गन डोनेशन जैसे मुद्दे पर बात करती है, इस बारे में आपको कितनी जानकारी है ?
मुझे इस बारे में पहले से ही काफी जानकारी है क्योंकि पंद्रह साल पहले ही मैं अपने आपको ऑर्गन डोनेटर रजिस्टर करवा चुका हूं क्योंकि उसमें मुझे समझदारी दिख रही थी। एक इंसान का जब देहांत हो जाता है तो उसकी बॉडी के ऑर्गन से पांच लोगों को जिंदगी मिल सकती है। हमने इन सभी मुद्दों को फिल्म में भी दिखाया है। आपको बता दूं कि फ्रांस में ऑर्गन डोनेशन करना कंपल्सरी है।
ट्रेलर में आपका किरदार कभी पॉज़िटिव नजर आ रहा है तो कभी नेगेटिव, सच्चाई क्या है ?
अब सच्चाई क्या है, यह मैं आपको नहीं बता सकता। मैं बस इतना कहूंगा कि हमारी जिंदगी में हमें कभी लगता है कि हम पॉजिटिव हैं और कभी लगता है कि हम नेगेटिव हैं क्योंकि हर एक इंसान के अंदर नेगेटिव शेड भी होता है लेकिन हमारी वेब सीरीज में इंसान तो पॉजिटिव है लेकिन उसे मजबूरन कुछ ऐसी चीजें करनी पड़ रही हैं जो कि समाज और कानून के नजरिए से गलत है। कोई भी इंसान अपना नेगेटिव शेड कब दिखाता है, जब उसके फैमिली मेंबर्स और या रिश्तेदार मुसीबत में होते हैं तब वो इंसान नेगेटिव और पॉजिटिव के बारे में नहीं सोचता। उस हालात में आप उस इंसान को नेगेटिव इंसान बोलेंगे या फिर पॉजिटिव इंसान, यही हमारी कहानी है।
आप किसी भी प्रोजेक्ट को करने के लिए कैसे तैयार हो जाते हैं ?
पहले मैं फिल्म की कहानी सुनता हूं और उसके बाद अपने किरदार को देखता हूं कि उसे किस तरह पेश किया गया है और उसका कहानी में कितना ग्राफ है। उसके बाद जिन लोगों के साथ मैं काम करने जा रहा हूं, उनकी क्षमता है कि नहीं यह फिल्म बनाने की और क्या वो लोग फिल्म को एक बढ़िया रिलीज दे पाएंगे, ये देखता हूं। उसके बाद नंबर आता है कि पैसे अच्छे मिल रहे हैं कि नहीं। ओवरऑल, मैं फिल्म की कहानी और अपने किरदार पर ज्यादा ध्यान देता हूं।
सेलेक्टेड फ़िल्में करना किसी भी एक्टर के लिए कितना रिस्की होता है ?
काफी रिस्की होता है क्योंकि जब मैं इंडस्ट्री में नया-नया आया था, उस वक्त मुझे लोगों ने कहा था कि अगर आप ज्यादा नहीं दिखेंगे तो आपका स्टारडम ख़त्म हो जाएगा लेकिन मैं उन लोगों की बातों से सहमत नहीं था। मुझे अच्छी तरह पता है कि मेरे पास आठ पैक्स वाली बॉडी नहीं है और ना ही मैं अच्छा डांस कर लेता हूं इसलिए मैं क्वांटिटी वर्क से ज्यादा क्वालिटी वर्क पर यकीन रखता हूं। मैंने पिछले पंद्रह सालों में सिर्फ ग्यारह फ़िल्में की हैं और पिछले सात सालों में सिर्फ तीन फ़िल्में की हैं लेकिन मैं आज अपनी पोजीशन और फैसलों से काफी खुश हूं।
क्या वेब सीरीज करते वक्त स्टार्स के ऊपर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का प्रेशर नहीं होता है ?